बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

“गौरक्षा परिवार: एक अनूठी पहल”

क्या है गौरक्षा परिवार?


निरीह  पशुओं की हत्या से राष्ट्र की अस्मिता और संस्कृति  खतरे में है.
राष्ट्र की अस्मिता,संस्कृति  और अस्तित्व को बचाने के लिया कार्यरत संस्थाओं के महा-संगठन ’अहिंसासंघ’ के अधीन कार्यरत संस्था  ”अखिल भारतीय कत्लखाना  एवं  हिंसा विरोध समिति” ने मुनिश्री विरागसागर  जी एवं विनाम्रसागर जी महाराज के मार्गदर्शन  व सान्निध्य  में गौसेवा -गौरक्षा की संस्कृति को जाग्रत करने के लिय “गौ-रक्षक-परिवार” की स्थापना की है . मुनिद्वय  ने भारतीय संस्कृति की दया व करुणा की मूल विशेषताओं को जीवंत  तथा फलीभूत करने के लिए आम जन को प्रेरित किया है.

समिति ने  गणतंत्र दिवस के पावन अवसर को ही संस्कृति रक्षा तथा संवर्धन  की पहल की  शुरुआत के लिए उपयुक्त दिन माना.गौ-रक्षा परिवार की स्थापना का यह कार्यक्रम  वाशी जैन मंदिर प्रांगण में उपस्थित परिवारों में गणतंत्र दिवस के उत्साह को कई गुना कर रहा था.सभी नागरिकों  ने अपने परिवारों के साथ २७ गायों को आहार  देकर उनकी १०८ दीपकों से मंगल आरती की  तथा गौरक्षा तथा  गौ सेवा का संकल्प लिया  .

क्या आवश्यकता है गौरक्षा परिवार की?

हम इस गौरक्षा परिवार के माध्यम से सभी लोगो को गौरक्षा एवं गौसेवा के रूप में भारत की प्राचीनतम संस्कृति एवं  पर्यावरण के प्रति आम जनता को जागरूक बनाना चाहते हैं.गौमूत्र, दूध व घी के उपयोग से मानव समाज का कल्याण होगा तथा पशुरक्षा का कार्य देश के लिए वरदान सिद्ध होगा.

मुनिश्री  विन्रम सागरजी ने गौरक्षा के संकल्प को पारिवारिक जीवन में सुखशांति का मंत्र बताते हुए ’पञ्च सूत्रों का पालन करने को कहा है. (जो लोग गौरक्षा परिवार से जुड़ेंगे उन्हें इन पञ्च सूत्रों का पालन करना होगा, जो कि बहुत ही आसान और लाभकारी हैं).

पहला सूत्र . उन्होंने कहा दुनिया में प्रार्थना  से बढ़कर  कोई दूसरी शक्ति नहीं है, अत: आप सभी लोग प्रतिदिन मूक प्राणियों की निर्मम हत्या  से रक्षा के लिय प्रार्थना करे.

दूसरा सूत्र. अपने आराध्य की भक्ति में केवल गौ से प्राप्त गोबर, गौमूत्र  आदि पंचगव्य  से बनी हुई सुगन्धित धूप,  अगरबत्तियों  ही उपयोग करे.

तीसरा सूत्र. गौमूत्र के उपयोग को उन्होंने घर की पवित्रता बनाए रखने के लिए सर्वोत्तम पदार्थ बताया इसलिए सबको अपने घर में प्रतिदिन गौमूत्र का छिड़काव करना चाहिए.  समिति द्वारा गौमूत्र निशुल्क प्रदान किया जाएगा. 

चौथा सूत्र.  उन्होंने पशुरक्षा के दयामयी  कार्य को त्याग भावना से जोड़ते हुए कहा कि प्रत्येक परिवार को एक नियमित राशि इस कार्य के लिय दान देनी चाहिए ताकि गौशालाएं तथा पशुरक्षा में लगी संस्थाएं सुचारू और निर्बाध रूप से चल सकें. समिति ने अभी हर परिवार के लिए प्रति सदस्य दैनिक एक रुपये की राशि सुनिश्चित की है, जो कि हर भारतीय परिवार बहुत ही आसानी से दे सकता है.   

पाँचवाँ सूत्र. उन्होंने कहा गौरक्षा-गौसेवा-पशुरक्षा के लिय आगे आ रहे सभी परिवारों को आपस में मिलजुल कर सामाजिक एकता और वात्सल्य भाव को आगे बढ़ाने के लिए प्रति तीन महीने में एक बार सामूहिक कार्यक्रम या मिलन समारोह आयोजित करना चाहिए.

हम आह्वान करते हैं उन सभी भारतीय परिवारों का जो हमारे गौरक्षक परिवार से जुड़ना चाहते हैं तथा देश, समाज और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए गौसेवा में तन, मन या  धन से सहयोग देना चाहते हैं  अथवा  ’गौरक्षक परिवार अभियान के सदस्य बनना चाहते हैं तो सदस्यता फार्म के लिए हमसे  pashuraksha@gmail.com पर  संपर्क करें.

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति| धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  2. इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आप का हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  3. पूज्य संतों के आर्शीवाद से सृजित गौरक्षा परिवार का कार्य स्तुतीय एवं अनुक्रणिय हैं ..... हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आभार ।
    www.vishwajeetsingh1008.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं