संपादक | Sep 03, 2012 | 0 comments | Edit Post
मुम्बई. ३ सितम्बर २०१२
गत दिनों लखनऊ (उ.प्र.) में भगवान महावीरस्वामी एवं गुलबर्ग (कर्नाटक) में भगवान आदिनाथ की १००० वर्ष प्राचीन मूर्तियों के असामाजिक तत्वों द्वारा हुए खंडन के तीव्र विरोधार्थ आज २ सितम्बर को विराट विरोध बाइक रैली का आयोजन किया गया | ४००० से ज्यादा बाइक, २०० से ज्यादा कारें एवं १०००० लोगों की उपस्थिति इस ऐतिहासिक रैली में थी | रैली का प्रारम्भ एस.वी.पी. मैदान, पंचोलिया कॉलेज, कांदिवली(प.) से मंगलप्रभात लोढा के हाथों जिनशासन ध्वजा फहराने के बाद हुआ और यह रैली मलाड, गोरेगाँव, जोगेश्वरी, अंधेरी स्टेशन, विलेपार्ले के आदि पार्श्व जिनालय, जुहू तारा रोड होती हुई, सभी मुख्य मार्गो से गुजरते हुए १५ किलोमीटर का रास्ता तय करके जुहू चौपाटी पहुंची |
मूर्ति तोड़नेवालों को सजा दो ..सजा दो
हजारों की संख्या में उपस्थित धर्मरक्षको ने नारे लगाये, जैनम जयतु शासनम, त्रिशलानंदन वीर की जय बोलो महावीर की, “गली- गली में गूंजे नाद, ऋषभदेव जय आदिनाथ’, ‘कर्णाटक सरकार हाय-हाय, उप्र सरकार हाय-हाय ‘ |
३ किलोमीटर लंबा काफिला
रैली में शामिल बच्चों, युवकों, युवतियों और महिलाओं ने बढ़चढ़कर कर नारेबाजी की. सभी ने काले झंडे हाथों में ले रखे थे और नारे लगा रहे थे. रैली धीमी गति से बढ़ रही थी जिससे आसपास के लोग भी रैली देखने के लिए हजारों की संख्या में सड़क के दोनों किनारे इकठ्ठा हो गए थे. मुम्बई के जिस-जिस उपनगर से रैली गुजरी वहाँ के जैन समाज के युवा और महिलाएँ उसमें शामिल होते गए, इसलिए करीब ३ किलोमीटर लंबा काफिला बन गया. जिसके कारण संबंधित क्षेत्रों में यातायात भी काफी धीमा हो गया था पर मुम्बईवासियों ने आयोजन का उद्देश्य सही और सार्थक होने से कोई आपत्ति नहीं की और रैली के आगे बढ़ने का इंतज़ार करते रहे.
गणिवर्य श्री लब्धिचंद्र सागरजी म.सा. ने किया स्वागत
अंधेरी रेलवे स्थानक के बाद पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाले मुख्य उड़ान पुल के चौराहे पर गणिवर्य श्री लब्धिचंद्र सागरजी म.सा. अपने संघ सहित रैली का स्वागत करने आये और सबको आशीर्वाद प्रदान किया और यहीं से स्वयं भी रैली में शामिल हो गए.
रैली में जन धर्म के चारों संप्रदायों- श्वेताम्बर,दिगम्बर,स्थानकवासी,तेरापंथी महावीर भक्तो की उपस्थति से जैन एकता का अनूठा स्वरुप देखने को मिला हुआ |
जिसके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में भाला है वो ही सच्चा जैन है
जुहू चौपाटी पहुँचने पर गुरुदेव विरागसागरजी म.सा. ने रैली को संबोधित करते हुए कहा की हम जैन अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत को माननेवाले है, मगर हमारे धर्म पे यदि कोई प्रहार करे तो उसे करारा जवाब दिया जायेगा |जिसके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में भाला है वो ही सच्चा जैन है |उपस्थित जैन समुदाय की हाजरी में मुनिराज श्री ने लखनऊ और कर्नाटक की मूर्ति खंडन की घटनाओ का उग्र शब्दों में विरोध करते हुए तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग उप्र और कर्नाटक की राज्य सरकारों के समक्ष रखी |
इस सफल रैली का आयोजन पूज्य गणिवर्य श्री लब्धिचंद्र सागरजी म.सा.,क्रांतिकारी मुनिराज श्री विरागसागरजी म.सा., क्रांतिकारी मुनिराज श्री विनम्रसागरजी म.सा. के नेतृत्व में किया गया |मुंबई में विराजमान सभी जिनशासन रक्षक गुरु भगवंतो के आशीर्वाद प्राप्त हुए |
इस्तीफे की मांग
जैन संघों की ओर से लखनऊ के पुलिस आयुक्त, कर्नाटक के मुख्यमंत्री, एवं गुलबर्गा जिले के कलेक्टर के इस्तीफे की मांग की गयी |मुनिराज श्री विनम्र सागरजी म.सा. ने अपनी ओजस्वी वाणी में हुंकार भरी और असामाजिक तत्वों को आगाह किया कि जैन अहिंसक हैं, शांतिप्रिय हैं मगर इसका अर्थ यह नहीं कि जैन कायर हैं |
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